समितियों से 8.61 लाख क्विंटल जैविक खाद वितरित

रायपुर,राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा देने तथा रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता एवं कृषि लागत को कम करने के उद्देश्य से किसानों द्वारा अब वृहद पैमाने पर वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग शुरू कर दिया गया है। गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में क्रय किए गए गोबर से निर्मित वर्मी कम्पोस्ट एवं सुपर कम्पोस्ट खाद का उपयोग राज्य के किसान करने लगे हैं। चालू खरीफ सीजन में सहकारी समितियों के माध्यम से राज्य के साढ़े तीन लाख से अधिक किसानों ने अब तक 8 लाख 60 हजार 875 क्विंटल से अधिक वर्मी कम्पोस्ट एवं सुपर कम्पोस्ट का उठाव किया गया है, जिसमें से 6 लाख 16 हजार 871 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का उठाव किसानों ने सहकारी समितियों से कृषि ऋण के एवज में किया है। इसके अलावा विभागीय योजनाओं शासकीय उद्यानिकी प्रक्षेत्र, वन प्रक्षेत्र तथा बीज उत्पादक सहित अन्य प्रक्षेत्र में 2.44 लाख क्विंटल कम्पोस्ट का वितरण सहकारी समितियों के माध्यम से अब तक किया जा चुका है।
चालू खरीफ सीजन में कुल 14.25 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट के वितरण की कार्ययोजना तैयार की गई है। जिसके तहत कृषि ऋण के माध्यम से 9.92 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट, विभागीय योजनाओं में 1.64 लाख क्विंटल उद्यानिकी प्रक्षेत्र में 64 हजार क्विंटल, शासकीय वन क्षेत्र में 68 हजार क्विंटल, बीज उत्पादक एवं शासकीय बीज प्रक्षेत्र में 35 हजार क्विंटल तथा अन्य क्षेत्र में उपयोग हेतु एक लाख क्विंटल कम्पोस्ट का वितरण किया जाना है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि गौठानों में गोधन न्याय योजना के तहत 2 रूपए किलो में गोबर क्रय कर इसके जरिए वृहद पैमाने पर वर्मी कम्पोस्ट एवं सुपर कम्पोस्ट खाद का निर्माण किया जा रहा है। महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा अब तक गौठानों में 17 लाख 57 हजार क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट तथा 5 लाख 28 हजार 174 क्विंटल से अधिक सुपर कम्पोस्ट खाद तैयार की जा चुकी है, जिसमें से 15 लाख क्विंटल से अधिक वर्मी कम्पोस्ट तथा 3 लाख 64 हजार क्विंटल से अधिक सुपर कम्पोस्ट का विक्रय हो चुका है।

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