पश्चिमी अफगानिस्तान में आए भूकंप से 12 लोगों की मौत, आवासीय घरों को काफी नुकसान

काबुल । पश्चिमी अफगानिस्तान में सोमवार को आए भूकंप में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई। पश्चिमी प्रांत बडघिस के कादिस जिले में आवासीय घरों की छतें गिरने से पीड़ितों की मौत हो गई। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक भूकंप की तीव्रता 5.3 थी। उन्होंने कहा कि आज के भूकंप में कई लोग घायल भी हुए हैं जिसमें कई महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। अफगानिस्तान पहले से ही मानवीय आपदा की चपेट में है। अगस्त में तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया था। जिसके बाद पश्चिमी देशों ने अंतरराष्ट्रीय सहायता और विदेशी संपत्ति तक पहुंच को रोक दिया था। कादिस विनाशकारी सूखे से सबसे बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों में से एक है, जिसे पिछले 20 वर्षों में अंतरराष्ट्रीय सहायता से सबसे कम लाभ हुआ है। देश अक्सर भूकंप की चपेट में आता रहता है, खासकर हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला में, जो यूरेशियन और भारतीय टेक्टोनिक प्लेटों के जंक्शन के पास स्थित है।
भूकंप से अफगानिस्तान में खराब तरीके से बने घरों और इमारतों को भारी नुकसान होता है। 2015 में, लगभग 280 लोग मारे गए थे, जब पर्वत श्रृंखला में केंद्रित एक शक्तिशाली 7.5-तीव्रता वाले भूकंप से पूरा दक्षिण एशिया हिल गया था। इसमें पाकिस्तान में बड़ी संख्या में मौतें भी हुई थीं। उस आपदा में, 12 युवा अफगान लड़कियां भगदड़ में कुचल कर मर गई थीं क्योंकि वे अपने हिलते हुए स्कूल की इमारत से भागने की कोशिश कर रही थीं। इससे पहले जम्‍मू-कश्‍मीर में शनिवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप पड़ोसी देश अफगानिस्‍तान में आया था। रिक्‍टर स्‍केल पर इनकी तीव्रता 5.1 नापी गई। जम्‍मू-कश्‍मीर में इससे जानमाल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है। शनिवार शाम 6.45 पर जम्‍मू-कश्‍मीर में इन झटकों से डरकर लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। भूकंप का केंद्र अफगानिस्‍तान के फायजाबाद से 84 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में था।

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