लॉकडाउन के चलते इंटरनेट डाटा की मांग में 30 से 100 फीसदी तक हुई बढ़ोतरी

नई दिल्ली। लॉकडाउन के दिनों में अब घरों में रहने वाले लोग अपना समय इंटरनेट सर्फिंग में गुजार रहे हैं। जिसकी वजह अचानक से इंटरनेट पर लोगों की निर्भरता बढ़ गई है। इसे आप इस तरह भी समझ सकते है कि बंदी के वक्त अब इंटरनेट ही लोगों का सहारा बन गया है। लॉकडाउन की वजह से घरों में कैद लोग अपना ज्यादातर समय टीवी या इंटरनेट पर गुजार रहे हैं। इंटरनेट का मजा लेने वाले लोग अपना ज्यादातर समय वीडियो देखने में या फिर ऑनलाइन गेम खेलने में गुजार रहे हैं। जिसकी वजह से इंटरनेट पर खासा दबाव बढ़ गया है। उल्लेखनीय है कि भारत में हर माह औसतन 11 करोड़ जीबी डाटा का इस्तेमाल किया जाता है, जो दुनिया में सबसे अधिक है।
दरअसल, इंटरनेट की बैंडविथ पर असर न पड़े इस पर ध्यान देते हुए केंद्र सरकार ने वीडियो प्लेटफॉर्म की क्वालिटी को एसडी पर डिफॉल्ट करने का फैसला किया है और रामायण तथा महाभारत जैसे लोकप्रिय धारावाहिकों को फिर से प्रसारण शुरू कर दिया है। लॉकडाउन के बाद ज्यादातर लोग अपने घरों में पर इंटरनेट पर समय गुजार रहे हैं। चीन के लगभग 85 करोड़ लोग इंटरनेट डेटा का इस्तेमाल करते हैं, जबकि भारत में 56 करोड़ के आस-पास लोग डाटा का इस्तेमाल कर रहे हैं।
हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक डेटा का इस्तेमाल पहले दिनों की तुलना में डबल हो गया है। सीओएआई की रिपोर्ट के मुताबिक लॉकडाउन में कुछ सर्किल में डाटा की मांग में 100 प्रतिशत का भारी उछाल देखा गया है। पहले की तुलना में डाटा की मांग में 30 फीसदी से लेकर 100 फीसदी तक का इजाफा देखा गया है। यहां तक की एक एडवाइजरी भी जारी की जा चुकी हैं। जिसमें कहा गया है कि सुबह 9 बजे से लेकर 11 बजे तक और शाम में 4 बजे से लेकर 10 बजे तक लोग हैवी फाइल डाउनलोड न करें। साथ ही साथ वीडियो कॉल भी न करने की हिदायद दी है।

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