मजदूर की हत्या के आरोप में डीएमके के सांसद टीआरवीएस रमेश को गिरफ्तार किया

तमिलनाडु | में काजू की एक फैक्ट्री के एक मजदूर की हत्या के आरोप में डीएमके के सांसद टीआरवीएस रमेश को गिरफ्तार किया गया है. रमेश फैक्ट्री के मालिक हैं और उन पर पांच और लोगों के साथ मिलकर उस मजदूर का उत्पीड़न करने का आरोप है.मामला तमिलनाडु के कड्डलोर के पास पनरुति स्थित एक काजू फैक्ट्री का है. 20 सितंबर को फैक्ट्री में काम करने वाले 60-वर्षीय मजदूर के गोविंदरासु का निधन हो गया था. चेन्नई में काम करने वाले उनके बेटे को पहले तो यह बताया गया कि गोविंदरासु ने आत्महत्या कर ली, लेकिन जब उनके शरीर पर चोट के निशान मिले तब उनके बेटे ने पुलिस विभाग में शिकायत दर्ज कराई. शिकायत पर पुलिस ने जांच की और जांच के प्राथमिक नतीजों से इस निष्कर्ष पर पहुंची कि किसी विवाद की वजह से कुछ लोगों ने मिलकर गोविंदरासु का उत्पीड़न किया जिसके बाद उनकी मौत हो गई.

गोविंदरासु को फैक्ट्री से काजू चुराते हुए पकड़ा गया था और उसके बाद फैक्टरी के मालिक और कड्डलोर से सांसद रमेश और पांच अन्य लोगों ने मिल कर उन्हें पीटा. आरोपों से इनकार पीटने के बाद फैक्ट्री के लोग ही उन्हें पुलिस स्टेशन भी ले गए लेकिन पुलिस ने उन लोगों को गोविंदरासु को पहले अस्पताल ले कर जाने को कहा. हालांकि वो लोग उन्हें वापस फैक्ट्री ले गए, जहां कुछ घंटों बाद वो मृत पाए गए. मामले की जांच कर रहे राज्य पुलिस के सीबी-सीआईडी विभाग ने सांसद रमेश, उनके निजी सचिव, फैक्ट्री के प्रबंधक और तीन दूसरे कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया. रमेश के अलावा बाकी पांच लोगों को नौ अक्टूबर को ही गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन रमेश अभी तक फरार थे.

आखिरकार उन्होंने 11 अक्टूबर को आत्मसमर्पण कर दिया जिसके बाद उन्हें दो दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. गिरफ्तार किए जाने से पहले रमेश ने एक बयान जारी कर उन पर लगे आरोपों से इनकार किया था और पूरे मामले को “विपक्ष का राजनीतिक प्रचार” बताया था. दागी जन प्रतिनिधि विपक्षी पार्टी पीएमके ने राज्य सरकार पर रमेश को बचाने की कोशिश करने का आरोप लगाया था. भारत में सांसदों को आपराधिक मामलों में गिरफ्तार करने पर कोई मनाही नहीं है, बस गिरफ्तारी की सूचना संसद को दे देनी होती है. संसद अगर सत्र में हो और सांसद संसद के परिसर में हो तो उसे गिरफ्तार करने से पहले पुलिस को उसके सदन के पीठासीन अधिकारी की इजाजत लेनी पड़ती है. बतौर सांसद रमेश का यह पहला कार्यकाल है.

 

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